भारत में जैसे-जैसे शेयर बाजार में निवेश बढ़ रहा है, वैसे-वैसे निवेशकों के लिए वित्तीय विकल्पों की दुनिया भी विस्तृत होती जा रही है। अधिकतर लोग अब शेयरों को सिर्फ रिटर्न के रूप में नहीं देखते, बल्कि उन्हें एक वैकल्पिक वित्तीय सुरक्षा की तरह उपयोग करने लगे हैं। एक ऐसा ही विकल्प है – शेयरों पर लोन लेना।
यह सुविधा आपको अपने मौजूदा शेयर पोर्टफोलियो को गिरवी रखकर बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन प्राप्त करने की अनुमति देती है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि शेयर पर लोन कैसे लिया जाता है, किन दस्तावेजों की जरूरत होती है, किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और यह विकल्प किसके लिए उपयुक्त है।
Contents
- 1 शेयर पर लोन क्या है?
- 2 कौन ले सकता है शेयर पर लोन?
- 3 शेयर पर लोन कैसे मिलता है?
- 4 जरूरी दस्तावेज़: शेयर पर लोन के लिए क्या चाहिए?
- 5 लोन की राशि कैसे तय होती है?
- 6 लोन की सुविधाएं: EMI नहीं, फ्लेक्सिबल रीपेमेंट
- 7 शेयर लोन के फायदे
- 8 ध्यान देने योग्य बातें
- 9 कौन-कौन से शेयर लोन के लिए स्वीकार्य होते हैं?
- 10 शेयर गिरवी लोन: व्यक्तिगत निवेशक और ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद
- 11 निष्कर्ष: शेयर पर लोन एक स्मार्ट लिक्विडिटी टूल
- 12 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
शेयर पर लोन क्या है?
शेयर पर लोन (Loan Against Shares) एक ऐसा कर्ज है जो आपके डीमैट खाते में मौजूद शेयरों को गिरवी रखकर दिया जाता है। इसे बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) दोनों ही प्रदान करते हैं।
इस प्रक्रिया में शेयरधारक को अपने निवेश को बेचना नहीं पड़ता, बल्कि वह उन्हीं शेयरों के एवज में नकद राशि प्राप्त कर सकता है।
कौन ले सकता है शेयर पर लोन?
शेयर पर लोन कोई भी व्यक्ति ले सकता है जिसके पास मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर हों।
पात्रता के मानक:
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए
- डीमैट खाते में पात्र शेयर होने चाहिए
- बैंक या NBFC की स्वीकार्य सूची (approved list) में शेयर मौजूद होने चाहिए
- आवेदक की क्रेडिट हिस्ट्री संतोषजनक होनी चाहिए
विशेष बात: कुछ संस्थान म्यूचुअल फंड यूनिट्स, बॉन्ड्स या ईटीएफ्स को भी गिरवी मानते हैं और उन पर भी लोन प्रदान करते हैं।
शेयर पर लोन कैसे मिलता है?
शेयरों पर लोन लेने की प्रक्रिया सरल है और आमतौर पर निम्न चरणों में पूरी होती है:
1. आवेदन करना
आपको संबंधित बैंक या NBFC की वेबसाइट या शाखा में जाकर लोन के लिए आवेदन करना होगा। कुछ संस्थान ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी देते हैं।
2. दस्तावेज़ सत्यापन
आपके KYC दस्तावेज़ और डीमैट खाता विवरण की जांच की जाती है।
3. शेयर गिरवीकरण (Pledge)
आपके डीमैट अकाउंट से चुने गए शेयर लेंडर के पक्ष में इलेक्ट्रॉनिक रूप से गिरवी रखे जाते हैं।
4. लोन की मंजूरी और वितरण
शेयरों की बाजार कीमत के आधार पर लोन की राशि तय की जाती है। अमूमन, मार्केट वैल्यू का 50% तक लोन दिया जाता है।
जरूरी दस्तावेज़: शेयर पर लोन के लिए क्या चाहिए?
शेयर गिरवी रखकर लोन प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होती है:
- PAN कार्ड (आयकर पहचान के लिए)
- आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र
- डीमैट अकाउंट स्टेटमेंट (शेयरों की स्थिति दर्शाने हेतु)
- बैंक स्टेटमेंट (पिछले 6 माह के)
- सैलरी स्लिप / IT रिटर्न (आय प्रमाण)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आवेदन पत्र (लेंडर द्वारा दिया गया फॉर्म)
लोन की राशि कैसे तय होती है?
लोन की राशि आपके गिरवी रखे गए शेयरों की वर्तमान बाज़ार कीमत पर निर्भर करती है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- अधिकतर बैंक 50% तक का लोन देते हैं
- कुछ NBFCs या प्राइवेट संस्थान उच्च लोन टू वैल्यू (LTV) रेशियो भी ऑफर कर सकते हैं
- शेयर की तरलता (liquidity) और वोलैटिलिटी भी लोन राशि को प्रभावित करती है
लोन की सुविधाएं: EMI नहीं, फ्लेक्सिबल रीपेमेंट
शेयर पर मिलने वाले लोन की सबसे बड़ी खूबी है इसका फ्लेक्सिबल भुगतान मॉडल।
आपको मिलती हैं ये सुविधाएं:
- केवल ब्याज की मासिक भुगतान सुविधा
- मूल राशि लोन अवधि समाप्त होने पर चुकाई जा सकती है
- कुछ मामलों में EMI ऑप्शन भी उपलब्ध होता है
- ओवरड्राफ्ट अकाउंट की सुविधा भी दी जाती है
शेयर लोन के फायदे
1. अपने निवेश को बेचना नहीं पड़ता
आपको अपनी होल्डिंग से हाथ धोने की जरूरत नहीं होती। लोन चुकाने के बाद शेयर आपके डीमैट में वापस आ जाते हैं।
2. कम ब्याज दर
पर्सनल लोन के मुकाबले शेयर पर लोन की ब्याज दरें कम होती हैं (आमतौर पर 9%–12% प्रतिवर्ष)।
3. तेजी से प्रोसेसिंग
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से यह लोन एक-दो दिन में ही पास हो जाता है।
4. वोटिंग राइट्स और डिविडेंड
जब तक लोन चुकता नहीं होता, शेयर गिरवी रहते हैं, लेकिन आप डिविडेंड और वोटिंग राइट्स का लाभ लेते रहते हैं।
5. टैक्स पर असर नहीं
शेयर गिरवी रखकर लोन लेने से कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं बनता क्योंकि आप शेयर बेचते नहीं हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
1. शेयर मूल्य में गिरावट
यदि शेयर बाजार में गिरावट आती है और गिरवी रखे शेयरों का मूल्य लोन के न्यूनतम स्तर से नीचे चला जाता है, तो लेंडर आपको अतिरिक्त शेयर गिरवी रखने या आंशिक भुगतान करने के लिए कह सकता है। इसे Margin Call कहा जाता है।
2. सीमित लोन वैल्यू
लोन की राशि आपके पोर्टफोलियो के कुल मूल्य के एक निश्चित प्रतिशत तक सीमित होती है। अधिकतम LTV सीमा से ऊपर लोन नहीं दिया जाता।
3. गिरवी शेयरों की बिक्री का अधिकार
यदि आप लोन चुकाने में विफल रहते हैं, तो बैंक/लेंडर को अधिकार होता है कि वह गिरवी रखे गए शेयरों को बेचकर अपनी राशि वसूल सके।
4. प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य चार्जेस
लोन प्रोसेसिंग के दौरान कुछ फीस ली जाती है, जैसे:
- प्रोसेसिंग शुल्क (0.5%–1%)
- गिरवीकरण शुल्क
- डॉक्यूमेंटेशन फीस
कौन-कौन से शेयर लोन के लिए स्वीकार्य होते हैं?
सभी शेयर लोन के लिए योग्य नहीं होते। आमतौर पर बैंक और NBFCs एक Approved Securities List तैयार करते हैं जिसमें शामिल कंपनियों के शेयरों को ही वे लोन के लिए स्वीकार करते हैं।
इनमें प्रमुख ब्लू-चिप कंपनियां, Nifty/Sensex स्टॉक्स और लिक्विड शेयर शामिल होते हैं।
शेयर गिरवी लोन: व्यक्तिगत निवेशक और ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद
- निवेशकों के लिए यह विकल्प तब उपयोगी है जब वे अपने पोर्टफोलियो को बनाए रखते हुए तात्कालिक नकदी चाहते हैं।
- ट्रेडर्स के लिए यह खासकर तब फायदेमंद है जब उन्हें इंट्राडे या शॉर्ट टर्म मार्जिन की आवश्यकता हो।
निष्कर्ष: शेयर पर लोन एक स्मार्ट लिक्विडिटी टूल
वर्तमान समय में जब नकदी की आवश्यकता किसी भी समय उत्पन्न हो सकती है, तो शेयर पर लोन एक सुलभ, तेज और आर्थिक रूप से उपयुक्त विकल्प बनकर उभरता है।
यदि आपके पास मजबूत पोर्टफोलियो है और आप अपने शेयर बेचे बिना फंडिंग चाहते हैं, तो यह विकल्प आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है। हालांकि, किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले लोन की शर्तों, ब्याज दर, और अपनी चुकाने की क्षमता का सही आकलन अवश्य करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या शेयर पर लोन लेना सुरक्षित है?
हां, यह एक सुरक्षित विकल्प है, बशर्ते आप समय पर ब्याज और मूलधन का भुगतान करें। शेयर आपके नाम पर ही रहते हैं, हालांकि वे गिरवी होते हैं।
Q2. क्या मैं डिविडेंड और वोटिंग राइट्स का लाभ उठा सकता हूं?
हां, शेयर गिरवी रहने के बावजूद आपको डिविडेंड और वोटिंग अधिकार प्राप्त होते हैं।
Q3. लोन राशि कितनी मिल सकती है?
आमतौर पर आपको आपके शेयरों की मौजूदा बाज़ार कीमत का 50% तक लोन मिल सकता है, हालांकि यह लेंडर की नीति और शेयरों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
Q4. क्या शेयर पर लोन लेने से टैक्स बनता है?
नहीं, क्योंकि आप अपने शेयर बेचते नहीं हैं, इसलिए किसी तरह का कैपिटल गेन टैक्स लागू नहीं होता।
Q5. अगर शेयर की कीमत गिर जाए तो क्या होगा?
यदि शेयर की कीमत तय मार्जिन से नीचे चली जाती है, तो लेंडर आपको अतिरिक्त शेयर गिरवी रखने या आंशिक भुगतान करने के लिए कह सकता है। इसे मार्जिन कॉल कहा जाता है।